धमकी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कैराना विधायक नाहिद हसन को दी जमानत
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कैराना विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन को आपराधिक धमकी के एक मामले में जमानत दे दी है। गत दिवस ही गैंगस्टर के मामले में हाई कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द की थी। न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि मामले में महत्वपूर्ण गवाहों से पहले ही पूछताछ की जा चुकी है नाहिद हसन का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि उच्च न्यायालय ने अपीलकर्ता के जमानत के अनुरोध को खारिज करते हुए तथ्यों को विस्तार से बताया है।हालांकि बाद के घटनाक्रमों और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि गवाहों की पहले ही जांच की जा चुकी है और अपीलकर्ता का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, हम चाहते हैं कि अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा कर दिया जाए। शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि निचली अदालत जमानत की शर्तों को लागू करते समय अधिकारियों द्वारा व्यक्त की गई आशंका पर ध्यान देगी कि मुकदमे में हस्तक्षेप होने की संभावना है। पीठ ने कहा कि इसके संदर्भ में यह निर्देश दिया जाता है कि अपीलकर्ता को निचली अदालत द्वारा लगाई जाने वाली शर्तों पर जमानत पर रिहा किया जाए। नाहिद हसन और नवाब के खिलाफ 2019 में एक महिला शाहजहां द्वारा आपराधिक धमकी, आपराधिक विश्वासघात और शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान के तहत शामली जिले के कैराना थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। शिकायत के अनुसार, महिला के पति उम्मेद राव ने अपना मिनी ट्रक नाहिद हसन के एक सहयोगी नवाब को पट्टे पर दिया था। नवाब पर उम्मेद का 1.85 लाख रुपये बकाया था और कई बार याद दिलाने के बावजूद पैसा वापस करने से इनकार कर दिया।जब नवाब ने ट्रक वापस करने से इनकार कर दिया तो उम्मेद ने पुलिस से संपर्क किया। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि शाहजहां और उसके पति को हसन और उसके सहयोगी ने गाली दी, धमकी दी और चेतावनी दी कि वे उन्हें झूठे मामलों में फंसाएंगे। उम्मेद की पत्नी के मुताबिक इस वजह से उनके पति को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई।