स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती अरेस्ट… 17 छात्राओं के यौन शोषण और ठगी के संगीन आरोपों में फंसे बाबा को आगरा से पकड़ा गया

📍 दिल्ली- आगरा
🗓️ 28 सितंबर 2025 | रिपोर्ट: इरशाद राना
दिल्ली के प्रतिष्ठित श्री शारदा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के डायरेक्टर और खुद को आध्यात्मिक गुरु बताने वाले स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी को दिल्ली पुलिस ने शनिवार देर रात उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के ताजगंज स्थित एक होटल से गिरफ्तार कर लिया। बाबा पर संस्थान की 17 छात्राओं ने यौन शोषण, ठगी, जालसाजी और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
आश्रम की आड़ में कॉलेज, आधी रात के मैसेज…
बताया जा रहा है कि यह संस्थान एक आश्रम की आड़ में चलाया जा रहा था, जहां बाबा प्रवचन और आध्यात्मिक शिक्षा के नाम पर छात्राओं से संपर्क साधता था। कई छात्राओं ने आरोप लगाया कि बाबा उन्हें आधी रात को अश्लील मैसेज भेजता था और ‘डिमांड्स’ करता था। व्हाट्सऐप चैट्स की जांच में कई आपत्तिजनक संदेश सामने आए हैं, जो यौन उत्पीड़न की पुष्टि करते हैं।
बाबा की ‘दुबई डील’ और आधी रात की ‘डिमांड्स’ 🔥
“स्वीट गर्ल, तुम बहुत टैलेंटेड हो… तुम्हें दुबई ले चलेंगे!”
जी हाँ, ये कोई फिल्मी डायलॉग नहीं, बल्कि वही मैसेज है जो स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती ने एक छात्रा को भेजा था। आधी रात को बाबा की ‘डिजिटल तपस्या’ शुरू होती थी—व्हाट्सऐप पर मैसेज, इमोजी, और फिर ऑफर… दुबई ट्रिप का!
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बाबा का डिजिटल दरबार...
सूत्रों के मुताबिक, बाबा के पास एक खास ‘लिस्ट’ थी—उन छात्राओं की जो या तो टैलेंटेड थीं या ‘आश्रम की सेवा’ में रुचि रखती थीं।
रात 12 बजे के बाद बाबा का फोन एक्टिव होता था।
मैसेज आते थे—“तुम्हारी एनर्जी बहुत पॉजिटिव है”, “तुम्हें स्पेशल ट्रेनिंग की ज़रूरत है”, “दुबई में एक रिट्रीट है, चलो साथ”।
व्हाट्सऐप चैट्स में खुलासा…
जांच एजेंसियों को मिलीं कई ऐसी चैट्स जिनमें बाबा छात्राओं से पर्सनल डिटेल्स, फोटो, और ‘सेवा भाव’ की बात करता था।
कुछ मैसेज तो इतने ‘क्रिएटिव’ थे कि पुलिस ने उन्हें डिजिटल शोषण का सबूत मान लिया।
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बाबा की दुबई वाली स्कीम क्या थी?
बताया जा रहा है कि बाबा ने कुछ छात्राओं को विदेशी सेमिनार, स्पिरिचुअल रिट्रीट, और ग्लोबल लीडरशिप प्रोग्राम के नाम पर दुबई ले जाने का ऑफर दिया था।
लेकिन असल मकसद क्या था?
पुलिस अब फंडिंग, पासपोर्ट डिटेल्स, और इवेंट्स की सच्चाई खंगाल रही है।
बाबा बोले—“मैं तो बस गाइड कर रहा था”
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में बाबा ने कहा—
> “मैंने किसी को मजबूर नहीं किया। सब अपनी इच्छा से जुड़ी थीं।” लेकिन छात्राओं के बयान और चैट्स कुछ और ही कहानी कह रहे हैं।
अग्रिम जमानत याचिका खारिज…
पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने कहा कि मामले की जांच अभी शुरुआती चरण में है और आरोपी से हिरासत में पूछताछ जरूरी है। कोर्ट को बताया गया कि आरोपी अपने पते पर नहीं मिल रहा था, उसका मोबाइल बंद था और वह साक्ष्य मिटाने की कोशिश कर रहा था।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, “आरोपी को आगरा से गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया है। छात्राओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और डिजिटल सबूतों की जांच की जा रही है। संस्थान की भूमिका भी जांच के दायरे में है।”
17 छात्राओं क़े यौन शोषण व ठगी सहित कई संगीन आरोपों मे वांटेड चैतन्यानंद आगरा से पकड़ा गया
UP क़े ज़िला आगरा क़े ताजगंज होटल से
दिल्ली के श्री शारदा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के डायरेक्टर स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी को दिल्ली पुलिस ने आधी रात क़े बाद… https://t.co/ZatYRPGt3L pic.twitter.com/WaHHAWBwEV— TRUE STORY (@TrueStoryUP) September 28, 2025
सामाजिक प्रतिक्रिया और जनाक्रोश…
इस घटना ने शिक्षा संस्थानों में नैतिकता और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर #JusticeForStudents ट्रेंड कर रहा है। महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संस्थान की जवाबदेही तय करने और आरोपी को सख्त सजा देने की मांग की है।
आगे की कार्रवाई..
स्वामी चैतन्यानंद को दिल्ली लाकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में कई और नाम सामने आ सकते हैं। संस्थान के फंड, संचालन और प्रशासनिक भूमिका की भी जांच की जा रही है।
आश्रम की आड़ में अश्लीलता? 17 छात्राओं ने लगाए गंभीर आरोप … EWS कोटे क़े तहत PGDM कोर्स कर रही गरीब स्टूडेंट का किया यौन उत्पीड़न
दिल्ली के श्री शारदा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के डायरेक्टर स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी पर 17 छात्राओं ने यौन शोषण के आरोप… pic.twitter.com/j1RGEznTPC
— TRUE STORY (@TrueStoryUP) September 24, 2025
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि शिक्षा और आध्यात्मिकता की आड़ में चल रहे शोषण के उस तंत्र को उजागर करता है, जो समाज के सबसे संवेदनशील वर्ग—छात्राओं—को निशाना बना रहा है। अब देखना यह है कि कानून कितनी तेजी और सख्ती से न्याय दिलाता है।