हल्की सी बारिश में ही हांफ गया डाकघर, जर्जर बिल्डिंग दरकने के कगार पर

गौरव पंवार
तस्वीरे बोलती है, बिल्कुल सही बात, यहां जो तस्वीरे दिखाई गई है वे बता रही है की भारतीय डाक विभाग की लापरवाही कितनी रही होगी जो आज़ादी के 74 साल बीतने के बाद भी डाक व तार विभाग उसी जमाने की बिल्डिंग में चल रहा है। वैसे काम का तरीका भी अंग्रेजी जमाने वाला ही है।
मुजफ्फरनगर के कस्बा बुढाना में बड़ा बाजार स्थित बडा डाक खाना अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा हैं, घण्टे भर की बारिश से पानी छत से टपकते ही कर्मचारी बारिश में भीगने को हुए मजबूर हो जाते है। डाकखाने के अंदर रखे कम्प्यूटर सिस्टम पानी मे भीग जाने से काम ठप्प हो जाता है।
गुरुवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ जिससे आम नागरिक परेशान रहे। डाकघर की जर्जर हुई सैकड़ो साल पुरानी अंग्रेज़ो के जमाने मे डाट की बनी बिल्डिंग कभी भी जमींदोज हो सकती है। जबकि बिल्डिंग का अब तक पुनः निर्माण होना चाहिए था।दीवार में दरारे बता रही है कि यहाँ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।