उर्दू अनुवादक इरफान के इंतकाल से रंजोगम, सुपुर्द-ए-खाक

मुजफ्फरनगर के विकास भवन में तैनात प्रधान सहायक एवं उर्दू अनुवादक इरफान ने लंबी बीमारी के बाद आखिरी सांस ली। वे गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे। उनका डायलेसिस चल रहा था। बीती रात अचानक ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके इंतकाल से उर्दू अनुवादकों में शोक की लहर दौड़ गई। सवेरे 11 बजे उन्हें स्थानीय कब्रिस्तान में कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सुपुर्दे खाक कर दिया गया।
मुजफ्फरनगर में एसएसपी आफिस के आर टी आई सेल में तैनात तहसीन अली ने बताया कि उर्दू अनुवादक इरफान बहुत अच्छी शख्सियत और सादा मिजाज के मालिक थे।वे मूल रूप से मीरापुर के रहने वाले थे। वर्तमान में वे विकास भवन स्थित DRDA कार्यालय में तैनात थे। इससे पूर्व वे कई अन्य स्थानों पर भी तैनात रहे है। वे पिछले कुछ अर्से से बीमार चल रहे थे। उन्होंने कहा किअल्लाह रब्बुल इज़्ज़त उनको करवट करवट चैन और सुकून अता फ़रमाये। अल्लाह उनकी मग़फ़िरत फ़रमाये। अल्लाह उनकी क़ब्र को कुशादा करके नूर से भर दे। अल्लाह उनको जन्नतुल फ़िरदौस में आला मुक़ाम अता फ़रमाये और दीदारे मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम नसीब अता फ़रमाये।
शोक व्यक्त करने वालो में जहीरुदीन, मौ0मुस्तकीम,लईक अहमद, शमीम अहमद,फसीहुदीन,हाजी मौहम्मद यूसुफ़, सईदुज्जमा,ओसाफ अन्सारी, मौ0 इमरान,आदि ने शोक व्यक्त किया।