अपने कर्तव्यों का वहन करना मूल रूप से जरूरी: आशीष कौशिक

सीसीएसयू के विधि अध्ययन संस्थान में हुई संगोष्ठी एवं आशुभाषण प्रतियोगिता
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि के विधि अध्ययन संस्थान में विधि अध्ययन संस्थान, साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद, महिला अध्ययन केन्द्र एवं अमृत महोत्सव समिति द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी एवं आशुभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के समन्वयक डा. विवेक कुमार, मुख्य अतिथि प्रो. विघ्नेश कुमार, मुख्य वक्ता आशीष कौशिक, सुदेशना ने किया। कार्यक्रम में सुदेशना ने अतिथियों का स्वागत किया। विधि अध्ययन संस्थान के छात्र-छात्राओं ने आशुभाषण प्रतियोगिता में भागीदारी करते हुये मानव अधिकार के विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये। इसके पश्चात मुख्य वक्ता आशीष कौशिक ने अपने वक्तव्य में मानव अधिकारों को भारतीय परिपेक्ष्य में बताते हुये कर्तव्य आधारित अधिकारों और भारतीयता में अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिये अपने कर्तव्यों का वहन करना मूल रूप से जरूरी है। मुख्य अतिथि प्रो. विघ्नेश कुमार ने मानव अधिकारो को समस्त प्राणी के प्रति प्राणियों के कर्तव्य के रूप में वहन करना बताया। उन्होंने इसके परिपेक्ष्य में बहुत से उदाहरण दिये। इसी क्रम में आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंख्ला में हुये इस कार्यक्रम में उन्होनें आजादी दिलाने वाले वीर स्वतंत्रा सेनानी जोकि अज्ञात हो चुके है, उन पर अपने क्षेत्र जोकि पश्चिम उत्तर प्रदेश में सक्रिय स्वतंत्रता सेनानी जैसे राम स्वरूप शर्मा, रघुवीर दयाल, विशम्बर राय विनोद, शान्ती त्यागी तथा समाज के हर वर्ग के भूले बिसरे स्वतंत्रता सेनानियों और उनके स्वतंत्रता के प्रति दृढता एवं राष्ट्र के प्रति प्रेम के बारे में सभा को अवगत कराया।
भारत में नर ही नारायण माना गया
डा. विवेक कुमार ने अध्यक्षीय उदबोधन दिया। उन्होंने अपने उदबोधन में भारतीय संस्कृति में मानव अधिकार कोई नयी परिकल्पना नहीं है, यह भारतीयता में हमेशा से ही निहित है। अपना उदबोधन देते हुये उन्होंने कहा कि भारत में नर ही नारायण माना गया है। जिसमें मानव को ही ईश्वर स्वरूप माना गया है और उन्होंने इस महामारी काल खण्ड में हर नागरिक का प्रथम दायित्व दूसरे नागरिक की स्वास्थ्य की रक्षा करना ही मानव अधिकार है।
कार्यक्रम में इनका रहा योगदान
आशुभाषण प्रतियोगिता का परिणाम निर्णायक मण्डल द्वारा घोषित किया गया, जिसमें कि विजेता रोहन स्वरूप, बीएएलएल-बी तृतीय सेमेस्टर, दूसरा स्थान सोनिया, बीएएलएल-बी पंचम सेमेस्टर एवं तृतीय स्थान नेन्सी शर्मा, बीएएलएल-बी तृतीय सेमेस्टर रहे। विजेताओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये। कार्यक्रम का संचालन अपेक्षा चौधरी ने किया। कार्यक्रम में डा. विकास कुमार, डा. धनपाल सिंह, डा. महिपाल सिंह, डा. सुशील कुमार शर्मा, योगेन्द्र त्यागी, विधि अध्ययन संस्थान के छात्र-छात्राऐ आदि उपस्थित रहें।